हैदराबाद

SCIENCE जियोएमजीएनआरईजीएः नागरिक लाभ योजना की निगरानी एवं मूल्यांकन हेतु भूस्थानिक अनुप्रयोग

उपलब्ध सर्वोत्तम प्रौद्योगिकीय तरीकों के प्रयोग के द्वारा ग्रामीण गरीबों की आर्थिक कमजोरी के न्यूनीकरण में ग्रामीण रोजगार सृजन महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। महात्मा गांधी राष्ट््रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी एक्ट (एमजीएनआरईजीए) कानूनी बाध्यता वाली नागरिक लाभ योजना है जो उन सभी ग्रामीण परिवारों को आग्रह के 15 दिनों के भीतर मांग आधारित पारिश्रमिक रोजगार की गारंटी प्रदान करता है जिनके वयस्क सदस्य अकुशल शारीरिक कार्य करने को इच्छुक हैं। इस स्कीम के तहत पूरे देश में प्रतिवर्ष 30 लाख (3 मिलियन) आस्तियों का सृजन किया जाता है जिनमें शामिल हैं प्राथमिक गतिविधियों में वाटर हार्वेस्टिंग का निर्माण, सूखा राहत एवं बाढ़ नियंत्रण संरचनाओं का निर्माण इत्यादि। जियोएमजीएनआरईजीए मनरेगा के तहत प्रयुक्त वह भू-स्थानिक घटक (जियोस्पैटियल) है जिसमें अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी आधारित नवाचार  का इस्तेमाल उपग्रह चित्र डाटाबेस पर सृजित आस्तियों की अवस्थिति जानने, फिर सूचना का गुणवत्ता नियंत्रण और उसके पश्चात योजना के क्रियान्वयन में पारदर्शिता हेतु सृजित आस्तियों पर नागरिकों की राय जानने में किया जाता है।

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SCIENCE सिंचाई आधार संरचना निगरानी त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम के तहत

परंपरागत तौर पर, सिंचाई आधारसंरचना सृजन की प्रगति निगरानी कुछ चयनित जगहों के क्षेत्र निरीक्षण के साथ-साथ क्रियान्वयक एजेंसियों द्वारा उपलब्ध कराये गये आगतों द्वारा संपन्न किया जाता है। सिंचाई आधारसंरचना निगरानी के लिए उच्च रिजोल्यूशन सुदूर संवेदन आंकड़ा की क्षमता के आधार पर , जैसा कि राष्ट्रीय सुदूर संवेदन केंद्र (एनआरएससी) ने दर्शाया है, त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम के तहत 21 राज्यों में फैले, 6.45 मिलियन हैक्टेयर (एमएचए) सिंचाई क्षमता वाली 103 परियोजनाओं में सिंचाई आधारसंरचना सृजन मूल्यांकन के लिए कार्टोसैट उपग्रह डेटा के उपयोग का जिम्मा केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) को सौपा गया। इसके अलावा, भुवन-एआईबीपी वेब एप्लिकेशन, सिंचाई आधारसंरचना सृजन स्थिति निगरानी हेतु उपग्रहीय डेटा उपयोग का सामान्यीकरण भी विकसित किया गया। क्षमता निर्माण सक्षम सीडब्ल्यूसी ने भी आंतरिक स्तर पर एआईबीपी-भुवन ऑनलाइन निगरानी उपकरण का उपयोग करते हुये सिंचाई परियोजनाओं की निगरानी का कार्य किया।

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SCIENCE तेलंगाना जल संसाधन सूचना प्रणालीः जल संसाधन प्रबंधन व निर्णयन के लिए भू-स्थानिक साधन व तकनीक

राज्य के जल संसाधन प्रबंधन के लिए आवश्यक भू-स्थानिक सूचना संरचना के लिए बहु-स्रोत आगतों का उपयोग करते हुये भुवन पर कृषि व कमान क्षेत्र विकास (आई.सीएडी) विभाग, तेलंगाना सरकार के लिए एक समर्पित जियोपोर्टल, तेलंगाना जल संसाधन सूचना प्रणाली (टीडब्यूआरआईएस) विकसित की गई है। यह पोर्टल भूस्थानिक आंकड़ा सृजन, अवलोकन व विभिन्न स्रोतों से जल संसाधन आंकड़ों के समाकलन के लिए ऑनलाइन साधन व सहायता भी प्रदान करता है।

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SCIENCE अंतरिक्ष जनित डेटा का वन अग्नि अन्वेषण और दग्ध क्षेत्र आकलन में अनुप्रयोग

भारत में कुशल वन अग्नि प्रबंधन उपग्रह जनित आगत उपलब्ध कराने हेतु राष्ट्रीय सुदूर संवेदन केंद्र (एनआरएससी), इसरो ने व्यापक जंगली आग अन्वेषण व निगरानी प्रणाली विकसित किया है। सक्रिय दवानल अवस्थिति तथा दग्ध क्षेत्रों के प्रसार का पता करने तथा आग लगने के संभावित क्षेत्रों के प्राथमिकीकरण के लिए क्षेत्रीय व राष्ट्रीय सांख्यिकी प्राप्ति हेतु, जंगलों की आग की अंतरा व अंतः मौसमीय स्थानिक-तापीय प्रणाली की निगरानी व विश्लेषण किया जाता है। सक्रिय अग्नि उत्पादों एवं दग्ध क्षेत्र उत्पादों को अग्नि शमन व प्रबंधन हेतु प्रयोक्ताओं (राज्य वन विभाग) और भारत के वन सर्वेक्षण (एफएसआई) को उपलब्ध करा दिया जाता है।

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SCIENCE अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी बाढ़ पूर्वानुमान, बाढ़ क्षति मानचित्रण व बाढ़ निगरानी के लिए

भारत, विश्व में बाढ़ से दूसरा सर्वाधिक पीड़ित देश है तथा गंगा, ब्रह्मपुत्र, महानदी एवं गोदावरी नदियों के नित्यवाही नदी बेसिन प्रतिवर्ष बाढ़ का सामना करते हैं। बाढ़ पूर्वानुमान, बाढ़ का वास्तविक समय जैसी निगरानी एवं बाढ़ क्षति अनुक्षेत्रण, बाढ़ क्षति शमन की व्यापक रूप से स्वीकार्य पद्धतियां हैं।

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