शिलॉन्ग

SCIENCE अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी बाढ़ पूर्वानुमान, बाढ़ क्षति मानचित्रण व बाढ़ निगरानी के लिए

भारत, विश्व में बाढ़ से दूसरा सर्वाधिक पीड़ित देश है तथा गंगा, ब्रह्मपुत्र, महानदी एवं गोदावरी नदियों के नित्यवाही नदी बेसिन प्रतिवर्ष बाढ़ का सामना करते हैं। बाढ़ पूर्वानुमान, बाढ़ का वास्तविक समय जैसी निगरानी एवं बाढ़ क्षति अनुक्षेत्रण, बाढ़ क्षति शमन की व्यापक रूप से स्वीकार्य पद्धतियां हैं।

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SCIENCE अनमैन्ड एरियल व्हीकल्स (यूएवी) एवं इटरनेट ऑफ थिंग्स की आपदा प्रबंधन अनुप्रयोगों में उपयोगिता

अनमैन्ड एरियल व्हीकल्स (यूएवी), जो ड्रोन के नाम से लोकप्रिय है, और सर्वाधिक होनहार एवं उदीयमान प्रौद्योगिकियों में से एक है, आपदा प्रत्युत्तर व राहत अभियानों में सुधार के लिए प्रयुक्त हो रहे हैं। सुदूर संवेदी प्रौद्योगिकी से युक्त यूएवी (UAV-RS) का जोखिम आकलन व निगरानी में प्रयोग बढ़ रहा है क्योंकि यह लोचकता व निम्न संचालकीय लागत पर शीघ्र तैनाती की सुविधा प्रदान करता है। इसी प्रकार सेंसर्स तथा डाटा के संग्रह व विनिमय के अनुप्रयोग से युक्त इंटरनेट ऑफ थिंग्स एक अन्य महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी है जो आपात प्रबंधन के लिए उत्कृष्ट सहायता प्रदान कर सकती है। आईओटी से समन्वित यूएवी (UAV-IoT) आपदाओं के समय आपदा प्रत्युत्तर प्रभाविता में सुधार ला सकती हैं। यह आलेख कुछ केस स्टडी को रेखांकित करते हुये आपदा प्रबंधन सहायता गतिविधि के लिए यूएवी की उपयोगिता को प्रस्तुत करता है। यूएवी का उपयोग करते हुये आपदा प्रबंधन सहायता के लिए आईओटी प्लेटफॉर्म पर मॉडल की अवधारणा विकसित की गई है और यहां प्रस्तुत की गई है।

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